Thursday, November 1, 2018

डॉ. (सुश्री) शरद सिंह मतदाता जागरूकता कार्यक्रम में - डॉ. वर्षा सिंह

Dr. Varsha Singh

निकट भविष्य में देश के अनेक राज्यों में विधानसभा चुनाव सम्पन्न होने वाले हैं। इन राज्यों में मध्यप्रदेश राज्य भी शामिल है। मतदान की तिथि 28 नवम्बर 2018 निर्धारित कर घोषित की जा चुकी है। हमारा देश लोकतांत्रिक व्यवस्था को सर्वोपरि मानता है, अतः जनप्रतिनिधियों का निष्पक्ष चुनाव करने के लिए आवश्यक है कि मतदान जाति या धर्म के आधार पर नहीं किया जाये। सर्वप्रथम प्रत्येक पार्टी अथवा निर्दलीय प्रत्याशी का अजेंडा पढ़ना आवश्यक है, ताकि देश हित के लिए जो उपयोगी हो उसे ही अपना मत दें। मतदान हर भारतीय नागरिक का अधिकार है और साथ ही कर्तव्य भी। चुनाव में खड़े जन प्रतिनिधियों को भी चाहिए कि अपने पक्ष में मतदान करवाने के लिए ग़लत मार्ग न अपनायें। मतदान की प्रक्रिया को सुचारू रूप से सपन्न कराने की जिम्मेदारी जितनी चुनाव आयोग की है उतनी ही जनप्रतिनिधियों और प्रत्येक नागरिक मतदाता की भी है। युवा देश की नींव होते हैं अतः यदि जागरूकता से मतदान करें तो देश एवं प्रदेश के लिए एक अच्छा उम्मीदवार चुन सकते हैं।
मतदाता जागरूकता कार्यक्रम में डॉ. (सुश्री) शरद सिंह

दिनांक 31.10.2018 को सागर, मध्यप्रदेश में स्थानीय पं. दीनदयाल शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में आयोजित मतदाता जागरूकता कार्यक्रम में सागर शहर  की वरिष्ठ साहित्यकार, लेखिका एवं कवयित्री डॉ. (सुश्री) शरद सिंह ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि मतदाता को चाहिए कि वह निडर होकर मतदान करे । मतदान के प्रति जागरूक करने और मतदान का महत्व बताने के लिए मतदान अभियान चलाया गया है। मतदान करना राष्ट्र के लिए आवश्यक और हितकारी है। प्रत्येक नागरिक को मतदान करना चाहिए ताकि देश के विकास हेतु सही उम्मीदवार चुना जा सके।

उन्होंने कहा कि विश्व में अनेक प्रकार की प्रचलित शासन व्यवस्थाओं में से लोकतंत्र या जनतंत्र एक ऐसी शासन व्यवस्था है, जिसमें जनता के हित के लिए, जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि ही सारी व्यवस्था का संचालन किया करते हैं। इसी कारण जिन देशों में इस प्रकार की शासन व्यवस्थायें हैं उन्हें राजनीतिक शब्दावली में लोक कल्याणकारी राज्य और सरकार कहा जाता है।  पांच वर्षों में एक बार चुनाव कराना लोकतंत्र की पहली और आवश्यक शर्त है।
Dr. (Miss) Sharad Singh
चुनाव में प्रत्येक वयस्क नागरिक अपनी इच्छानुसार अपने मत (वोट) का प्रयोग करके इच्छित व्यक्ति को जिता और अनिच्छित को पराजित करके सत्ता से हटा सकता है। इस प्रकार लोकतंत्र में मतदान और चुनाव का अधिकार होने के कारण प्रत्येक नागरिक परोक्ष रूप से सत्ता और शासन के संचालन में भागीदारी भी निभाया करता है। युवा एवं सद्यः वयस्क नागरिकों को  लोकतंत्र में चुनाव का महत्व समझाया जाना और मतदान करने के लिए जागरूक करना आवश्यक है।

डॉ. (सुश्री) शरद सिंह ने यह भी कहा कि सजग सावधान और जागरुक मतदाता ही चुनावों को सार्थक बनाने की भूमिका निभा सकता है। अत: अपने मत का प्रयोग अवश्य, परंतु सोच-समझकर करना चाहिए। यही इसका सदुपयोग सार्थकता और हमारी जागरुकता का परिचायक भी है।
मतदान एकमात्र ऐसा साधन है जिससे देश की जनता स्वयं अपने देश का विकास निर्धारित कर सकती है।
डॉ. (सुश्री) शरद सिंह
मत देने की शक्ति से वह अपने देश की बागडोर संभालने के लिए उनकी दृष्टि में योग्य व्यक्ति को खुद चुन सकते हैं। भारत एक ऐसा देश है जो लोगों को अपने देश के लिए फैसले लेने की पूर्ण आजादी देता है। हर व्यक्ति को मतदान जरूर करना चाहिए क्योंकि हर एक मत कीमती है। एक मत भी देश के लिए गलत सरकार को चुनने से रोक सकता है। मतदान से ही सरकार को पता चलता है कि देश कि जनता उनसे संतुष्ट है या नहीं क्योंकि जनता संतुष्ट होगी तो हर बार वहीं सरकार आएगी।

डॉ. शरद ने यह भी कहा कि हम सब एक स्वतंत्र देश के नागरिक हैं ,मतदान के अधिकार और इसके सदुपयोग की जानकारी मतदाता जागरूकता अभियान के तहत दी जा रही है। इस बार ईवीएम  के साथ वीवीपैट मशीन भी जोड़ी गई है , जिसके तहत मतदाता वोट देने के बाद स्वयं देख सकेंगे कि किस प्रत्याशी को उसका वोट गया है। अनेक स्थानों पर सार्वजनिक तौर पर ईवीएम मशीन के साथ वीवीपैट सेट (वोटर वेरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) के माध्यम से वहां मौजूद मतदाताओं को जागरूकता का संदेश दिया जा रहा है कि जब आप प्रत्याशी को ईवीएम मशीन का बटन दबाकर वोट देंगे तो पास रखे वीवीपैट सेट पर आपके द्वारा दिया गया वोट 7 सेंकेंड तक दिखाई देगा कि आपने किस प्रत्याशी को वोट दिया है। 7 सेकेंड के बाद वो पर्ची पेटी में गिर जाएगी। इसका उद्देश्य मात्र मतदान में पारदर्शिता लाना है जो चुनाव आयोग द्वारा लागू की गई है। अब फर्जी मतदान वाली अफवाहों पर विराम लगेगा।

इस अवसर आयोजित कवि सम्मेलन में डॉ. (सुश्री) शरद सिंह ने मतदाता जागरूकता संबंधी अपने  निम्नलिखित 07 उच्चकोटि के दोहे भी सुनाये :-

सब कामों को छोड़कर करना है मतदान।
रखना है हमको सदा लोकतंत्र का मान।।

जाति धर्म सब भूलकर निर्णय करे समाज।
होगा खूब विकास फिर होंगे सारे काज।।

विज्ञापन या व्हाट्सएप्प, ये क्या देंगे राय।
खुद को जो अच्छा लगे, वहीं चुना बस जाय।।

शोर शराबे से कभी, मत होना कंफ्यूज़।
जो लालच या धौंस दे, करना उसे रिफ्यूज़।।

इक-इक मत है कीमती, यह मत जाना भूल ।
वोटिंग पावर आज है, सबसे बड़ा उसूल।।

शासन मन का चाहिए, तो लो कदम उठाए ।
चिड़िया जो चुग जाएगी, क्या होगा पछताए ।।

'शरद' करे विनती यही, करिएगा मतदान।
दुनिया भी देखे ज़रा, इस जनमत की शान।।
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