Dr. Varsha Singh |
आज web magazine युवा प्रवर्तक के अंक दिनांक 28.04.2020 में मेरे आलेख "लॉकडाउन में घरेलू हिंसा से सुरक्षा हेतु हेल्पलाइन" को स्थान मिला है।
युवा प्रवर्तक के प्रति हार्दिक आभार 🙏
मित्रों, यदि आप चाहें तो पत्रिका में इसे इस Link पर भी पढ़ सकते हैं ...
लॉकडाउन में घरेलू हिंसा से सुरक्षा हेतु हेल्पलाइन
- डॉ. वर्षा सिंह
देश में पिछले माह 24 मार्च से शुरू लॉकडाउन का आज 36 वां दिन है। लाॅकडाउन के कारण पुरुषों का घर से बाहर निकलना बंद हो गया है। जिन पुरुषों को शराब, जुआ, अड्डेबाजी आदि की बुरी आदतें थीं उनकी सभी बुरी आदतों पर अंकुश लग गया है। वे अब लाॅकडाउन की पाबंदियों की खीझ अपने घर की महिलाओं पर निकालने लगे हैं। कुछ ऐसे भी हैं जो रोजगार थम जाने के कारण तनाव में आ गए और अपने क्रोध को निकालने के लिए घरेलू हिंसा का रास्ता अपना रहे हैं। लेकिन अधिक हिंसात्मक वे लोग हैं जो बुरी आदतों के शिकार रहे हैं। यहां तक कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने भी महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा के मामलों में ‘भयावह बढ़ोत्तरी’ दर्ज किए जाने पर चिंता जताई है।
दरअसल, कोरोना महामारी की वजह से उपजी आर्थिक व सामाजिक चुनौतियों की वजह से घरेलू हिंसा और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार के मामलों में चिंताजनक वृद्धि हुई है। इसका प्रमुख कारण आर्थिक गतिविधि का बंद होना और आवाजाही बंद होने की वजह से व्यवहार में आई चिड़चिड़ाहट भी मानी जा रही है।
महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में एकाएक वृध्दि होने पर समाजसेवी महिला कार्यकर्ताओं ने भी इस तथ्य को गंभीरता से लिया है। ऐसी महिलाओं का कहना है कि इस दौरान छोटे-छोटे घरों में रहने वाली महिलायें, पति द्वारा हिंसा की शिकार महिलायें, लॉकडाउन के चलते असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाली महिलाओं का नौकरी पर न जा पाना और अस्वस्थ्य महिलाओं को उचित वक्त पर मेडिकल सुविधा न मिलना जैसे कारणों के चलते महिलाओं में चिंता और तनाव के लक्षण पैदा होते जा रहे हैं। इन्हीं सब मुद्दों को देखते हुए लॉकडाउन में घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओें के लिए एक हेल्प लाइन सेवा शुरू की गई है। इस हेल्प लाइन सेवा के साथ दिल्ली की महिला अधिवक्ता, डॉक्टर, कारोबारी, प्रोफेसर, शिक्षाविद, सामाजिक कार्यकर्ता और दूसरे क्षेत्रों में काम करने वाली वह महिलाएं बड़ी संख्या में जुड़ी है। अभी शुरू की गई हेल्प लाइन के माध्यम से महिलाओं की समस्या का निदान किया जाएगा और उनकी टेलीफोन के माध्यम से ही कॉउसलिंग भी की जाएगी। लॉकडाउन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए समाजसेवा से जुड़ी महिलायें पीड़ित महिलाओं की समस्याओं का निदान करेंगी। हेल्प लाइन के लिए 817-817-1234 नंबर जारी किया गया है। इस नंबर पर महिलाएं अपनी समस्याओं के बारे में फोन कर सुझाव और निदान मांग सकती है। इस हेल्प लाइन पर महिलाएं परामर्श और समस्या- समाधान दोनों के लिए कॉल कर सकती हैं और काउंसलर के समक्ष अपनी समस्या भी रख सकती है। महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा, पारिवारिक प्रताड़ना, पति द्वारा मारपीट, अन्य हिंसा के मामलों को महिलाएं इस हेल्प लाइन के माध्यम से व्यक्त कर सकती हैं। यह हेल्पलाइन जाति, धर्म, राजनीति से परे सिर्फ़ महिलाओं की घरेलू हिंसा संबंधी समस्या निवारण के लिए ही है।
पारिवारिक रिश्तों को आईना दिखा दिया है कोरोना लाॅकडाउन ने। यही समय है जब बिगड़े हुए चेहरों की कमियों को पहचान कर सुधारा जा सकता है। इसे कोरोना लाॅकडाउन का सकारात्मक पक्ष मानना चाहिए। घरेलू हिंसा रोकने और रिश्तों को सुधारने का एक सुनहरा अवसर है यह।
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