Dr. Varsha Singh |
जीवेत शरद: शतम् शतम्।
सुदिनं सुदिनं जन्मदिनम्।।
भवतु मंगलम जन्मदिनम्।
विजयी भव सर्वदा।
जन्मदिनस्य हार्दिक शुभेच्छा:।।
किसी कवि को दी गई जन्मदिन की शुभकामनाएं, रूप से उसकी सृजनधर्मिता, उसकी काव्यसृजनात्मकता और उसकी देवी सरस्वती की सतत् समर्पण की भावना के प्रति भी शुभकामनाएं होती हैं।
मध्यप्रदेश के इस सागर नगर में अनेक कवि- कवयित्रियां हैं, जो कविता लेखन से सम्बद्ध हैं। कुछ गुणवत्तापूर्ण सृजन में विश्वास रखते हैं, कुछ गणनापूर्ण सृजन में.... क्वालिटी और क्वांटिटी की दृष्टि से देखा जाए तो क्वालिटी के पैमाने में मात्र उंगलियों पर गिने जा सकने वाले रचनाकार हैं। जबकि क्वांटिटी के पैमाने में बहुतेरे ऐसे रचनाकार हैं जो थोक में कथित लेखन कर रहे हैं।
संख्यात्मक और गुणात्मक लेखन में फ़र्क यही है कि संख्यात्मक लेखन गुणवत्ता के लगभग अभाव में नदी के जलप्रवाह के साथ बह कर आने वाले कचरे के समान काव्यसरिता के तट पर इकट्ठा हो-हो कर स्वमुग्धता के जाल में ग्रसित, अंजाने ही सुधी पाठकों को स्वयं से दूर कर देता है। जबकि गुणात्मक लेखन काव्यसरिता के जल की तरह शनै:-शनै: प्रवाहमान रह कर अपनी मौलिकता और स्निग्धता से सुधी पाठकों के मानस को तृप्ति देने में सक्षम होने के कारण उन्हें अपनी ओर बार-बार आकर्षित करता है।
लगभग वर्ष भर लम्बे और ऊबाऊ कोरोना काल के ऑनलाइन जन्मदिन आयोजनों के बाद, विगत दिनों एक ऐसे समारोह में मैं यानी इस ब्लॉग की लेखिका डॉ. वर्षा सिंह जन्मदिन समारोह में प्रत्यक्ष शामिल हुई, जो किसी कवि का था। मेरी अनुजा डॉ.(सुश्री) शरद सिंह भी साथ थीं।
सागर नगर के वयोवृद्ध कवि दादा निर्मलचंद निर्मल स्वांत: सुखाय लेखन में रुचि रखते हैं। प्रत्येक वर्ष उनके लगभग दो कविता संग्रह प्रकाशित होते हैं। वैसे तो निर्मल जी का यह जन्मदिन समारोह, जिसमें निर्मल जी के इस वर्ष के नवीनतम कविता संग्रह का लोकार्पण भी शामिल था, श्यामलम् संस्था के सहयोग से उनके पुत्र-पौत्रों आदि ने आयोजित किया था, किन्तु सागर शहर के अनेक कवि-लेखकों ने उसमें सहभागिता की। मेरे लिहाज़ से विशेष बात यह भी थी कि इस समारोह में एक सोपान कविसम्मेलन का भी था जिसमें अपना काव्यपाठ करने वाले शहर के प्रमुख चार कवियों में मैं भी शामिल थी।
यहां प्रस्तुत हैं उसी अवसर की कुछ तस्वीरें -
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वाह नयान्भिराम चित्रों से सुसज्जित बहुत भावपूर्ण प्रस्तुति | शरद और वर्षा जी , दोनों बहनों की निर्मल छवि समारोह में चार चाँद लगा रही हैं | वयोवृद्ध कवि दादा निर्मलचंद निर्मल जी को जन्म दिन की ढेरों शुभकामनाएं | उनके उत्तम स्वास्थ्य और यश की कामना करती हूँ | आप दोनों बहनें बहुत प्यारी हैं और सकारात्मक ऊर्जा से भरी हैं | आभार इस सुंदर प्रस्तुति के लिए |
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद प्रिय रेणु जी 🙏
Deleteयदि माननीय कविराज की कुछ रचनाएँ भी लगाई जाती तो बहुत अच्छा होता |
ReplyDeleteप्रिय रेणु जी कृपया इसी ब्लॉग की इस लिंक का अवलोकन करने का कष्ट करें।
Deleteशुभकामनाओं सहित,
डॉ. वर्षा सिंह
सागर: साहित्य एवं चिंतन | पुनर्पाठ 5 | प्रेम रूपी रंग कितने | काव्य संग्रह | डॉ. वर्षा सिंह
जरूर वर्षा जी🙏🙏 ❤❤🌹🌹
ReplyDeleteप्रिय रेणु जी, आपकी आत्मीयता भरी गंभीर चिंतनपरक टिप्पणियां सदैव मुझे नयी ऊर्जा प्रदान कर मेरा उत्साहवर्धन करती हैं।
Deleteहमेशा हार्दिक स्वागत है आपका मेरे सभी ब्लॉगस् पर 🙏
शुभकामनाएं तहेदिल से,
डॉ. वर्षा सिंह
बहुत सुन्दर बधाई हो आपको।
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद आदरणीय 🙏
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