Thursday, October 4, 2018

बुद्धि के देवता गणेश और दैनिक भास्कर पुरस्कार 2018

Dr. Varsha Singh
बुद्धि के देवता गणेश और साहित्य का गहन संबंध है। इस संबंध को दर्शाने वाली अनेक पौराणिक कथाएं वैदिक साहित्य में उपलब्ध हैं। महर्षि वेद-व्यास को जब "महाभारत" की कथा को लिपिबद्ध करने का विचार आया तो आदि देव ब्रह्माजी ने परम विद्वान श्रीगणेश के नाम का प्रस्ताव रखा।इस पर उनके द्वारा यह शर्त रखी गई कि वे कथा तब लिखेंगे, जब लेखन के समय उनकी लेखनी को विराम न करना पड़े। इससे पूर्व परम्परागत पद्धति से कंठस्थ किया जाता था परन्तु "जय संहिता" जो "महाभारत" कहलाई, प्रथम लिपिबद्ध कथा है अतः स्पष्ट है कि आर्य साहित्य में लेखन की परम्परा के प्रारम्भकर्ता पार्वतीपुत्र ही हैं।

      पूरे भारत देश को एक सूत्र में बांधने वाला एकमात्र उत्सव गणेश उत्सव है, जो राष्ट्रीय एकता का ज्वलंत प्रतीक है। गणेश उत्सव का ऐतिहासिक महत्व है। सातवाहन और चालुक्य वंश के शासन काल से गणेश पूजन चलता आ रहा है। छत्रपति शिवाजी महाराज ने राष्ट्रीय संस्कृति और एकता को बढ़ावा देने के लिए गणेश उत्सव शुरू किया था। 
        दैनिक भास्कर समाचार पत्र सिर्फ एक समचार पत्र ही नहीं, वरन् समाज की, देश की बेहतरी के लिये प्रतिबद्ध एक ऐसा उत्प्रेरक है, जो अपनी सोच, अपनी मुहिम के जरिए नित नये संकल्प के साथ नित नये उदाहरण प्रस्तुत करता है। प्लास्टर ऑफ पेरिस से गणेश प्रतिमा निर्माण के स्थान पर दैनिक भास्कर समूह कई वर्षों से 'मिट्टी के गणेश-घर में ही विसर्जन' अभियान चला रहा है। इसका मूल उद्देश्य यही है कि हम अपने तालाब और नदियों को प्रदूषित होने से बचा सकें। इसलिए घर या कॉलोनी में कुंड बनाकर विसर्जन करने और उस पवित्र मिट्टी में एक पौधा लगाने हेतु जनमानस को प्रेरित किया था। इससे न सिर्फ ईश्वर का आशीर्वाद, बल्कि उनकी याद भी साल दर साल घर-आंगन में महकती रहेगी। यह पौधा बड़ा होकर पर्यावरण में योगदान देगा। साथ ही घर में नई समृद्ध परंपरा का संचार होगा। हानिकारिक पीओपी की बजाय लोग ईको फ्रेंडली तरीके से मिट्टी के गणेश की प्रतिमा को प्राथमिकता देने लगे हैं।

इस वर्ष गांधी जयंती यानी 02.10.2018 को " दैनिक भास्कर" के सागर संस्करण द्वारा शहर में विगत गणेशोत्सव के दौरान मिट्टी से निर्मित चयनित श्रेष्ठ प्रतिमाओं को पुरस्कृत किया गया।


इस पुरस्कार वितरण समारोह में मेरे सहित मेरी बहन  डॉ. (सुश्री) शरद सिंह, माननीय सागर विधायक शैलेन्द्र जैन , नगरनिगम सागर के महापौर अभय दरे, प्रतिष्ठित बिल्डर प्रकाश चौबे, दैनिक भास्कर के संपादक अनिल कर्मा, यूनिट हेड अनिल खरे आदि उपस्थित थे। आपकी इस मित्र डॉ. वर्षा सिंह को यानी मुझे भी दैनिक भास्कर की ओर से स्मृतिचिह्न प्रदान किया गया।




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