Dr. Varsha Singh |
यह एक सुखद साम्य है कि 21 जून का यह दिन वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है और योग भी मनुष्य को दीर्घ जीवन प्रदान करता है।
योग के महत्व पर प्रकाश डालता मेरा यह बुंदेली गीत प्रस्तुत है .....
काय परी अलसानी, ओ बिन्ना
हो गई भोर सुहानी, ओ बिन्ना
मूंड़ पे डारे चदरा- पटका
कसर-मसर तोड़त हो पलका
उठ बैठो महरानी, ओ बिन्ना
हो गई भोर सुहानी, ओ बिन्ना
उठ के कारज रोज के कर ल्यौ
भगवन की छवि ध्यान में धर ल्यौ
भूल के बात पुरानी, ओ बिन्ना
हो गई भोर सुहानी, ओ बिन्ना
भारत देस हमारो प्यारो
योगासन है सबसे न्यारो
दुनिया जाकी दिवानी, ओ बिन्ना
हो गई भोर सुहानी, ओ बिन्ना
काया के सब रोग मिटा ल्यौ
योग करन की लगन लगा ल्यौ
छोड़ो अब मनमानी, ओ बिन्ना
हो गई भोर सुहानी, ओ बिन्ना
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योग के महत्व पर प्रकाश डालता मेरा यह बुंदेली गीत प्रस्तुत है .....
काय परी अलसानी, ओ बिन्ना
हो गई भोर सुहानी, ओ बिन्ना
मूंड़ पे डारे चदरा- पटका
कसर-मसर तोड़त हो पलका
उठ बैठो महरानी, ओ बिन्ना
हो गई भोर सुहानी, ओ बिन्ना
उठ के कारज रोज के कर ल्यौ
भगवन की छवि ध्यान में धर ल्यौ
भूल के बात पुरानी, ओ बिन्ना
हो गई भोर सुहानी, ओ बिन्ना
भारत देस हमारो प्यारो
योगासन है सबसे न्यारो
दुनिया जाकी दिवानी, ओ बिन्ना
हो गई भोर सुहानी, ओ बिन्ना
काया के सब रोग मिटा ल्यौ
योग करन की लगन लगा ल्यौ
छोड़ो अब मनमानी, ओ बिन्ना
हो गई भोर सुहानी, ओ बिन्ना
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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस - डॉ. वर्षा सिंह # साहित्य वर्षा |
ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 21/06/2019 की बुलेटिन, " अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2019 - ब्लॉग बुलेटिन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteशिवम् मिश्रा जी,
Deleteबहुत बहुत हार्दिक आभार आपके प्रति 🙏
बहुत सुन्दर
ReplyDeleteअनिता जी,
Deleteहार्दिक धन्यवाद
आँचलिक बोली का आनंद ही अलग है.
ReplyDeleteबढ़िया!
वाणी गीत जी,
Deleteशुक्रिया
वाह ! उत्साह जगाती सुंदर लोक रचना..
ReplyDeleteधन्यवाद अनिता जी 🙏
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