Tuesday, June 25, 2019

आषाढ़ मंगल और सागर नगर में हनुमानजी की आराधना - डॉ. वर्षा सिंह

Dr. Varsha Singh

   आज दिनांक 25.06.2019 को आषाढ़ मास का दूसरा मंगलवार है। आषाढ़ माह हनुमानजी की आराधना के लिए श्रेष्ठ माना जाता है, विशेष रूप से मंगलवार का दिन। आषाढ़ मंगल को सागर नगर के सभी हनुमान मंदिरों में धार्मिक कार्यक्रम होते हैं। हनुमान जी की कृपा पाने के लिए सुबह से भक्त मंदिरों में पहुंचकर हनुमानजी की उपासना करते हैं। आषाढ़ माह में मंदिरों में विशेष तैयारियां भी की जाती हैं। मंदिरों में भीड़ रहती है और भक्तगण दान करते हैं।
करुनानिधान बलबुद्धि के विधान हौ, महिमा निधान गुनज्ञान के निधान हौ ।
बाम देव रुप भूप राम के सनेही, नाम, लेत देत अर्थ धर्म काम निरबान हौ ॥
आपने प्रभाव सीताराम के सुभाव सील, लोक बेद बिधि के बिदूष हनुमान हौ ।
मन की बचन की करम की तिहूँ प्रकार, तुलसी तिहारो तुम साहेब सुजान हौ ॥

श्री हनुमान ,कठवा पुल मंदिर, सिविल लाइन, सागर

         आषाढ़ माह हनुमानजी की भक्ति के लिए विशेष माह माना जाता है। इस बार एक विशेष संयोग भी बना है। माह की शुरुआत 18 जून  मंगलवार से हो रही है और गुरु पूर्णिमा 16 जुलाई  मंगलवार के दिन ही आषाढ़ माह समाप्त होगा। इस बार आषाढ़ में पांच मंगलवार हैं। 18 और 25 जून तथा 2, 9, और 16 जुलाई। नगर से लेकर आसपास के सभी हनुमान मंदिरों में आषाढ़ के मंगलवार को पूजन की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। शास्त्रों के अनुसार हनुमानजी को सिंदूर अर्पित करना चाहिए। कई भक्त व्रत रखकर भी उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं। रामायण पाठ हनुमानजी को बहुत प्रिय है और राम नाम का जाप करने से भी वह प्रसन्न होते हैं। भक्तगण हनुमान चालीसा और सुंदरकाण्ड का पाठ करते हैं। मंदिरों में बजरंगबली का अभिषेक होता है।

पहलवान बब्बा मंदिर, सागर

नगर से करीब 12 किलो मीटर दूर झांसी रोड स्थित गढ़पहरा धाम में हनुमानजी के दर्शनों के लिए भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ता है। भक्तों की भीड़ लग जाती है यहां मेला भी लगता है। इसके अलावा सागर नगर स्थित परेड हनुमान मंदिर, कठवा पुल सरकार मंदिर, जवाहरगंज वार्ड स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर, डूंठावली हनुमान मंदिर, सिद्धेश्वर मंदिर, पहलवान बब्बा मंदिर, दादा दरबार मंदिर सहित अन्य हनुमान मंदिरों में भक्तों की भीड़ रहेगी। आषाढ़ के तीसरे मंगलवार को कई भक्त जुलूस के साथ बजरंगबली को झंडा अर्पित करने पहुंचते हैं।
श्री हनुमान ,राममंदिर, सागर

आषाढ़ माह के पहले मंगलवार को शहर के सभी हनुमान मंदिरों में राम भक्त के जयकारे गूंजने लगते हैं। मंदिरों पूजन-अभिषेक के साथ बजरंगबली का मनमोहक श्रृंगार किया जाता है। अनेक भक्तगण व्रत रखकर हनुमानजी का पूजन करते हैं तो कई ने अभिषेक कर उन्हें प्रसादी अर्पित करते हैं। मंदिरों में सुबह से लेकर देर शाम तक सुंदरकाण्ड, हनुमान चालीसा के पाठ होते रहते हैं।
हनुमानजी, गढ़पहरा, सागर

 गढ़पहरा हनुमान मंदिर , सागर की विशेष मान्यता है। आषाढ़ मास के मंगलवार को गढ़पहरा के हनुमान बब्बा के दर्शन विशेष फलदायी होते हैं। गढ़पहरा को पुराना सागर भी कहते हैं जो डांगी राज्‍य की राजधानी था। यह झांसी मार्ग पर सागर से करीब 10 किमी की दूरी पर स्थित है। इसकी प्राचीनता गौंड शासक संग्रामसिंह के समय से मानी जाती है। उस समय गढ़पहरा एक गढ़ था, जिसमें 360 मौजे थे। बाद में डांगी राजपूतों ने इस भाग को जीतकर अपने राज्‍य में मिला लिया।
श्री हनुमान, गढ़पहरा मंदिर, सागर

गढ़पहरा के अब भी कुछ ऐतिहासिक अवशेष बाकी हैं। कम ऊंचाई के क्षेत्र पर निर्मित किले के खंडहरों तक आज भी आसानी से पहुंचा जा सकता है। यहां डांगी शासकों के शीश महल के नाम से ज्ञात ग्रीष्म आवास के अवशेष भी हैं। इसका संबंध राजा जयसिंह से जोड़ा जाता है। मान्यता है कि दो सौ साल पहले राजा जयसिंह इसमें रहते थे।
श्री हनुमान, परेड मंदिर, सागर

गढ़पहरा सहित अन्य हनुमान मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ी। हनुमान गढ़पहरा स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर में अलसुबह से अंजनीलाल का अभिषेक किया गया, जिसके बाद यहां बब्बा के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की कतारें लगी रही। गढ़पहरा मंदिर में आरती के बाद बजरंगबली को भोग अर्पित किया गया। वहीं शहर के प्रसिद्घ परेड हनुमान मंदिर, पहलवान बब्बा, पंचमुखी हनुमान मंदिर एवं दादा दरबार मंदिरों में पूजा-अर्चना करने दिनभर भक्तों की कतारें लगी रही। सुबह 8 बजे से यहां सामूहिक सुंदरकांड का पाठ किया गया। हनुमानजी के मंदिरों में अंजनी पुत्र का फूलों, चांदी की पोशाक से विशेष श्रृंगार किया गया था, जो भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा।
पंचमुखी हनुमान मंदिर, रजाखेड़ी, सागर


जवाहरगंज वार्ड स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर में सुबह से हनुमानजी का अभिषेक कर बब्बा की आरती की जाती है। इस दौरान मंदिर में आकर्षक सजावट के साथ-साथ बब्बा को पकवानों का भोग अर्पित किया जाता है। बब्बा का फूलों से मनमोहक श्रृंगार किया जाता है। मंदिर में दिनभर हनुमान चालीसा व सुंदरकांड का पाठ करने के लिए कई भक्त अपने परिवार के साथ पहुंचे। कई श्रद्घालु गाजे-बाजे के साथ हनुमानजी को झंडा एवं प्रसादी चढ़ाने के लिए पैदल ही मंदिरों में पहुंचते हैं। मंदिर और मूर्ति दोनों की विशेष सजावट की.जाती है। कहीं हनुमान बब्बा को चांदी की पोशाक, मुकुट पहनाया जाता है तो कुछ मंदिरों में फूलों से सजावट कर सुंदर पोशाक पहनाई जाती है। दादा दरबार मंदिर में हनुमानजी का अभिषेक, सुंदरकांड और हनुमान चालीसा के पाठ सहित विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।  कई भक्तगण व्रत रखकर हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए हवन-पूजन भी करते हैं।

श्री दक्षिणमुखी हनुमान, दादा दरबार मंदिर, गोपालगंज, सागर

गढ़पहरा के किले में विराजमान हनुमानजी के दर्शन के लिए हजारों की संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। मंदिर में दिनभर कई श्रद्घालु पहुंचते हैं जिससे यहां बजरंग बली के जयकारे गूंजते रहते हैं। भक्तगण यहां डेरा डाले रहने वाले बंदरों से बचते हुए हनुमानजी को प्रसाद चढ़ाते हैं और फिर बंदरों को भी केले, चना, मिठाई और नारियल सहित अन्य कई प्रकार के पकवान खिलाते हैं।

श्री हनुमान, पहलवान बब्बा मंदिर, सागर

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