Friday, August 9, 2019

श्यामलम् साहित्य परिक्रमा - डॉ. वर्षा सिंह

Dr. Varsha Singh



“श्यामलम्” द्वारा रविवार 04 अगस्त 2019 को आदर्श संगीत महाविद्यालय में अपने महत्त्वाकांक्षी आयोजन “साहित्य परिक्रमा” के सातवें क्रम में नगर के लब्ध प्रतिष्ठ वरिष्ठ कथाकार एवं आलोचक महेन्द्र फुसकेले के साहित्यिक अवदान पर एकाग्र चर्चा की गई। जिसमें मैं यानी इस ब्लॉग की लेखिका डॉ. वर्षा सिंह सहित सागर शहर के समस्त प्रमुख साहित्यकार उपस्थित रहे।





    इस मौके पर फुसकेले के साहित्य पर समीक्षात्मक विवेचना करते हुए प्रख्यात लेखिका डॉ.सुश्री शरद सिंह ने कहा कि महेंद्र फुसकेले उन साहित्यकारों में से एक हैं जिनके सृजन के केन्द्र में समाज, परिवार द्वारा दलित एवं प्रताड़ित स्त्रियों का जीवन रहता है। वे धर्म, जाति से ऊपर उठ कर समस्त स्त्रियों के पक्ष में दिखाई देते हैं। वस्तुतः महेंद्र फुसकेले स्त्री-जीवन के सजग साहित्यकार हैं। चाहे बीड़ी श्रमिक हो या कामवाली बाई सभी को उनके उपन्यासों में प्रमुखता से जगह मिली है। हिन्दी साहित्य में फुसकेले जी का योगदान उल्लेखनीय है।






श्यामलम अध्यक्ष उमा कान्त मिश्र ने स्वागत उद्बोधन व कार्यक्रम परिचय दिया।फुसकेले जी के पुत्र पेट्रीस फुसकेले ने आयोजन के लिए श्यामलम संस्था का आभार प्रगट किया।

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