Saturday, June 27, 2020

आधुनिक हिन्दी कवयित्रियों के प्रेमगीत | डॉ. विद्यावती 'मालविका' | परिचय | गीत | डॉ. वर्षा सिंह

Dr. Varsha Singh
प्रिय मित्रों, आज पढ़िए "आधुनिक हिन्दी कवयित्रियों के प्रेमगीत"  पुस्तक में संकलित मेरी माताजी डॉ. विद्यावती "मालविका" जी का गीत जो इस पुस्तक में उनके छायाचित्र एवं परिचय सहित प्रकाशित है। देश के प्रख्यात साहित्यकार एवं यशस्वी संपादक क्षेमचन्द्र "सुमन" जी द्वारा संपादित यह ग्रंथ वर्ष 1962 में राजपाल एण्ड संस, दिल्ली से प्रकाशित हुआ था। इस पुस्तक में महादेवी वर्मा से ले कर प्रकाशन वर्ष तक की अवधि की देश की जानीमानी कवयित्रियों का परिचय एवं उनके गीत संकलित हैं।








  इस पुस्तक की सामग्री को अनेक शोधग्रंथों एवं शोधात्मक लेखन में विशेष संदर्भ के रूप में सम्मिलित किया जाता है।
साथ ही मित्रों, मैं निवेदन करना चाहूंगी कि मेरी माता जी डॉ. विद्यावती 'मालविका' ने शतकाधिक गीत लिखे हैं, जो हिंदी साहित्य की धरोहर हैं। अनेक शोध ग्रंथों में उनके गीतों को सम्मिलित किया गया है एवं अनेक समवेत संकलनों में भी उनकी रचनाएं विद्यमान हैं। वह वर्तमान में भी यदा-कदा छंदबद्ध  कविताएं, गीत इत्यादि लिखती रहती हैं।

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