आज मेरी माता जी डॉ. विद्यावती "मालविका" जी, जो स्वयं भी वरिष्ठ साहित्यसेवी, कवयित्री एवं कथालेखिका हैं, ने इच्छा प्रकट की नगर के श्रेष्ठ गीतकारों में उच्चतम स्थान रखने वाले वरिष्ठ कवि श्री निर्मल चंद "निर्मल" एवं डॉ. श्याम मनोहर सीरोठिया तथा उनके परिवारजनों से भेंट करने की...।
.... और उनकी इस इच्छा पूर्ति हेतु माता जी सहित मैं और बहन शरद पहुंच गए दादा निर्मल चंद जी एवं डॉ. सीरोठिया जी के निवास पर 😊 ... और फिर ख़ूब चर्चाएं हुईं साहित्यिक... पारिवारिक... युवा कवि भाई नलिन जैन की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
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