Tuesday, December 15, 2020

मेरे नाना संत श्यामचरण सिंह - 6 | डॉ. वर्षा सिंह

Dr Varsha Singh

प्रिय ब्लॉग पाठकों, 
कल मैंने अपने इस ब्लॉग "साहित्य वर्षा" में आप सब से साझा किए थे बौद्ध धर्म के प्रकांड विद्वान भिक्षु धर्मरक्षित जी द्वारा मेरे नाना जी संत श्यामचरण सिंह के जीवन एवं कृतित्व पर लिखी गई पुस्तक "संत श्यामचरण : जीवन तथा कृतित्व" के प्रथम संस्करण के अंश जिसके प्रकाशक थे ममता प्रकाशन, कबीर चौरा, वाराणसी (उत्तर प्रदेश) और जिसका प्रथम संस्करण सन् 1964 में प्रकाशित हुआ था।
..... और आज शेयर कर रही हूं नाना संत श्यामचरण सिंह के सहित कुछ परिवारिक फोटो। 
आज हमारे बीच मेरे नाना श्रद्धेय संत श्यामचरण सिंह नहीं हैं। उनका निधन 11 जनवरी 1976 को पन्ना, मध्यप्रदेश में गया था। जबकि मेरे प्रिय मामा कमल सिंह "सरोज" का देहावसान सागर, मध्यप्रदेश में 20 जनवरी 2017 को हो चुका है। उन दोनों की सुखद स्मृतियां शेष हैं।

मध्य में मेरे नाना संत ठाकुर श्यामचरण सिंह, पीछे खड़े छोटे नाना ठाकुर प्यारेलाल सिंह, और नाना जी के मित्र की गोद में हैं मेरी माता जी डॉ. विद्यावती 'मालविका' 

मध्य में मेरे नाना संत ठाकुर श्यामचरण सिंह, पीछे खड़े बाएं से - मैं यानी डॉ. वर्षा सिंह, मामा जी कमल सिंह 'सरोज', माता जी डॉ. विद्यावती 'मालविका', बहन डॉ. (सुश्री) शरद सिंह, स्थान - हिरण बाग, पन्ना, मध्यप्रदेश (सन् 1974)

मध्य में मेरी माता जी डॉ. विद्यावती 'मालविका', साथ में बायीं ओर बहन डॉ. (सुश्री) शरद सिंह एवं दाहिनी ओर मैं यानी डॉ. वर्षा सिंह .... और शरद के हाथों में है हमारी पालतू बिल्ली बिल्लोश, स्थान - हिरण बाग, पन्ना, मध्यप्रदेश (सन् 1974)


बहन डॉ. (सुश्री) शरद सिंह एवं मैं यानी डॉ. वर्षा सिंह , स्थान - हिरण बाग, पन्ना, मध्यप्रदेश (सन् 1974)


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