प्रिय ब्लॉग पाठकों, 08 मार्च, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर पत्रिका समूह के 66वें स्थापना दिवस उपलक्ष्य में 'पत्रिका' समाचार पत्र के सागर संस्करण (राजस्थान पत्रिका ग्रुप) और हीरो सेंट्रल मोटर्स, सागर द्वारा आयोजित भव्य सम्मान समारोह में सागर ज़िले की निवासी और विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य कर विशिष्ट ख्याति अर्जित करने वाली महिलाओं में मुझे भी सम्मानित किया गया। दिलचस्प बात यह थी कि इस आयोजन की विशिष्ट अतिथि मेरी अनुजा एवं हिन्दी की प्रख्यात लेखिका डॉ. (सुश्री) शरद सिंह थीं और मुख्य अतिथि सागर के ग्रामीण क्षेत्र की बहादुर महिला श्रीमती श्रीबाई धानक थीं।
सागर नगर की गौरव और पिछले पन्ने की औरतें, पचकौड़ी, कस्बाई सीमोन और शिखण्डी : स्त्री देह से परे जैसे चर्चित उपन्यासों एवं औरत : तीन तस्वीरें, पत्तों में क़ैद औरतें जैसे स्त्री विमर्श की पुस्तकों की ख्यातनाम लेखिका डॉ. (सुश्री) शरद सिंह से तो सभी परिचित हैं। श्रीमती श्रीबाई के बारे में मैं अपने इस ब्लॉग के पाठकों को बताना चाहूंगी।
मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के सागर ज़िले के सानौधा थाना क्षेत्र के प्रागैतिहासिक काल के गुफा चित्रों के लिए प्रसिद्ध आबचंद क्षेत्र के समीपस्थ स्थित आबचंद गांव में रहने वाली 50 वर्षीय श्रीबाई धानक खेती करती हैं। उनके परिवार में दो बेटा, दो बहू हैं। चार बेटियां हैं। दो ननद हैं। मां-बाप हैं। जो सब गांव में खेती-किसानी करते हैं। श्रीबाई ने 27 सितंबर 2020 को गैंगरेप पीड़ित एक महिला को चार दरिंदों से बचाया था। उनके इस शौर्य के लिए दो माह पहले जनवरी 2021 में प्रदेश के "मामा जी" के नाम से लोकप्रिय एवं सभी के चहेते मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने मिंटो हाल, भोपाल में वर्चुअल सम्मान समारोह में और फिर सागर कलेक्टोरेट के एनआईसी कक्ष में आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम में भोपाल से श्रीबाई का अभिनंदन किया था। इसके बाद कमिश्नर मुकेश शुक्ला व आईजी अनिल शर्मा ने श्रीबाई धानुक को 'मैं हूं असली हीरो' सम्मान के रूप में प्रशस्ति पत्र प्रदान किया था। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जी ने पहले श्रीबाई से ही बात की। उनके साहस व जज्बे की प्रशंसा करते हुए दूसरों को भी इससे प्रेरणा लेने के लिए कहा।
मुख्यमंत्री जी ने जब घटना का विवरण श्रीबाई से ही जानना चाहा तो श्रीबाई ने बुंदेली में बताया कि - "मामाजी .. दोपहर एक बजे तिली काट रहे थे, हम खेत पर। महिला दौड़ते हुए आकर कहने लगी कि बाई बचा लें। तीन लोग मारने के लिए पीछे लगे हैं। महिला के साथ एक, एक साल को और एक दो महीना को बच्चा हतो। बा हमसे लिपड़ गई कि हमें बचा लें। हमने कई कोई न मार पे है, हम खड़े हैं। हंसिया लए थे हम तिली काट रए थे। वो आदमी कहन लगो कि हमाई साली आए। ऐ खो छोड़ों। हमने कई नई छोड़ रए। बा केवे के अम्मा तुम छोड़ ने दिओ न जो हमें मार दे है। हमने कई नई तुम इते से डग नहीं धर रईं हम खड़े। हम हंसिया लए थे, हमने हाथ में ले लो और कई आओ। एक आओ और कहन लगो कि हमाई साली आए जा छोड़ो। तुमाई को आए जे, तुम काये बचा रईं। हमने कई हम भी मर जे ओ के संगे, ओ खो नई मार सकत तुम। इतने में हमने हमाए लड़का देवराज को आवाज लगाई। इते आओ बाहरी आदमी आए एक और खो मार रए और हमें मार रए। देवराज आओ सो कहन लगो खड़े रहो मई। फिर कोटवार को और थानेदार को फोन लगवावे की कही, पुलिस बुलवा रए। इतने में सब गदबद दे गए। फिर महिला को हम घरे ले गए गांवों और साड़ी पहनाकर कोटवार के पास महिला कर दई। ओ के बच्चों को खाना-पीना खिलाओ, दूध पियाओ हमने। 100 नंबर खो फोन लगाओ थाने सूचना दई।"
08 मार्च 2021 को 'पत्रिका' समाचार पत्र द्वारा आयोजित इस समारोह में श्रीबाई से मिल कर, उनसे चर्चा कर हम सभी को प्रसन्नता हुई। डॉ. (सुश्री) शरद सिंह ने अपने उद्बोधन में उनकी बहादुरी की प्रशंसा करते हुए मंच पर उनका हाथ पकड़ कर उनका अभिनंदन किया। इस रोमांचक दृश्य का उपस्थित सभी महिलाओं ने तालियों की गड़गड़ाहट से ज़ोरदार स्वागत किया। वह दृश्य वास्तव में अविस्मरणीय था।
एक विशेष बात यह भी कि मैंने इस समारोह में अपनी ताज़ा ग़ज़ल भी सुनाई, जिसे सभी ने बहुत पसंद किया। मेरी उस ग़ज़ल का मतला और एक शेर यहां प्रस्तुत है -
ख़ूबसूरत सा ख़्वाब है औरत
ज़ुल्मतों का जवाब है औरत
इसको पढ़ना ज़रा आहिस्ता से
प्यार की इक किताब है औरत
अन्य सभी तस्वीरें उसी समारोह की हैं -
डॉ. (सुश्री) शरद सिंह |
डॉ. (सुश्री) शरद सिंह |
डॉ. (सुश्री) शरद सिंह |
श्रीमती श्रीबाई और डॉ. (सुश्री) शरद सिंह |
श्रीमती श्रीबाई और डॉ. (सुश्री) शरद सिंह |
श्रीमती श्रीबाई और डॉ. (सुश्री) शरद सिंह |
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बहुत सुन्दर चित्रावली।
ReplyDeleteबहुत-बहुत शुभकामनाएँ।
हार्दिक आभार आदरणीय 🙏
Deleteआपके द्वारा की गई सराहना का हृदय से सम्मान एवं सुस्वागतम् 🙏
आदरणीय रवीन्द्र सिंह यादव जी मुझे प्रसन्नता है कि चर्चा मंच हेतु आपने मेरी इस पोस्ट का चयन किया है। हार्दिक आभार आपके प्रति 🙏
ReplyDeleteसादर,
डॉ. वर्षा सिंह
वाह!बहुत ही सुंदर छाया चित्र आदरणीय दी।
ReplyDeleteअत्यंत हर्ष हूआ।
सादर नमस्कार।
बहुत धन्यवाद आपको अनीता जी, आपकी इस आत्मीयता के लिए 🙏
Deleteसदैव स्वागत है आपका मेरे ब्लॉगस् पर 🙏
शुभकामनाओं सहित,
डॉ. वर्षा सिंह
सार्थक प्रयास - - शुभकामनाओं सह।
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद आदरणीय सान्याल जी 🙏
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