भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सहयोग से "समकालीन भारतीय साहित्य : प्रवृत्ति और प्रयोग " विषय पर दो सप्ताह के पुनश्चर्या पाठ्यक्रम का आयोजन डॉ. हरीसिंह गौर केन्द्रीय विश्वविद्यालय के ह्युमन रिसोर्स डेवलपमेंट सेंटर द्वारा आयोजित किया गया था। जिसमें दिनांक 12.11.2019 रविवार को बहन डॉ. (सुश्री) शरद सिंह ने समकालीन कथा साहित्य पर व्याख्यान दिया और मुझे यानी इस ब्लॉग की लेखिका डॉ. वर्षा सिंह को ग़ज़ल पाठ करने का अवसर मिला। इस आयोजन के समन्वयक डॉ. आनंद प्रकाश त्रिपाठी, अध्यक्ष, हिन्दी एवं संस्कृत विभाग।इस सत्र में डॉ. शशि कुमार सिंह ने संस्कृत में तथा डॉ. फिदाउल मुस्तफ़ा ने उर्दू ग़ज़ल का पाठ किया। इस अवसर पर डॉ. कन्हैया त्रिपाठी, पी आर मलैया, डॉ. पुनीत बिसारिया तथा पुनश्चर्या कार्यक्रम में देश भर से पधारे प्राध्यापकों की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।
सत्रों का संचालन क्रमशः डॉ नौनिहाल गौतम और डॉ शशि कुमार सिंह ने किया।
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