विचार विमर्श और काव्यपाठ ने रविवार 09 फरवरी की दोपहर को कुछ ख़ास बना दिया। दरअसल बहन डॉ. (सुश्री) शरद सिंह की अध्यक्षता में प्रगतिशील लेखक संघ मकरोनिया इकाई की पाक्षिक गोष्ठी में शामिल मैंने यानी आपकी इस मित्र डॉ. वर्षा सिंह ने भी अपने विचार रखे और ग़ज़लपाठ किया।
इस अवसर पर डॉ. उदय जैन सहित कवि निर्मलचंद निर्मल, वीरेंद्र प्रधान, टी.आर.त्रिपाठी 'रुद्र', नलिन जैन, सतीश पाण्डेय, दीपा भट्ट, महेश दर्पण आदि की विमर्श और काव्यपाठ में हिस्सेदारी महत्वपूर्ण रही।
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