Thursday, April 23, 2020

विश्व पुस्तक दिवस और कोरोना काल - डॉ. वर्षा सिंह

         
Dr. Varsha Singh
        हर साल 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक दिवस मनाया जाता है। यूनेस्को हर साल इस मौके पर कार्यक्रमों का आयोजन करता है और विश्व पुस्तक दिवस की थीम तैयार करता है। इसकी मदद से यूनेस्को लोगों के बीच किताब पढ़ने की आदत को बढ़ावा देना चाहता है। चूंकि किताबी दुनिया में कॉपीराइट एक अहम मुद्दा है, इसलिए विश्व पुस्तक दिवस पर इस पर भी जोर दिया जाता है। इसी वजह से दुनिया के कई हिस्सों में इसे विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस के तौर पर भी मनाया जाता है। दुनिया भर मे वर्ल्ड बुक डे इसलिए मनाया जाता है जिससे किताबों की अहमियत को समझा जा सके। साथ ही संस्कृातियों और पीढ़‍ियों के बीच में एक सेतु की तरह भी हैं।
         वर्ल्ड बुक डे के जरिए यूनेस्को रचनात्म्कता, विविधता और ज्ञान पर सब के अधिकार के मकसद को बढ़ावा देना चाहता है। यह दिवस विश्व भर के लोगों खासकर लेखकों, शिक्षकों, सरकारी व‍ निजी संस्थानों, एनजीओ और मीडिया को एक प्लैाटफॉर्म मुहैया कराता है, ताकि साक्षरता को बढ़ावा दिया जा सके और सभी लोगो को शिक्षा के संसाधनों तक पहुंचाया जा सके।
    वर्तमान में लॉकडाउन के दौरान किताबें मनोरंजन, सूचना की सबसे बड़ी स्रोत हैं।  पाठकों के लिए कोरोना काल में जहां पुस्तकें टाईम पास का जरिया हैं वहीं लॉकडाउन ने साहित्यकारों को अपनी पुस्तकें पूरा करने भरपूर समय दिया है। कई ने अपनी पुस्तकों का लेखन कार्य पूरा कर लिया है तो कई साहित्यकारों की पुस्तकें पूरी होने को हैं।

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